Jhansi News: झांसी में चल रहे महोत्सव में सोमवार को श्रम विभाग की टीम ने बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कई दुकानों और रेस्टोरेंट पर छापेमारी की। इस छापेमारी से महोत्सव में हड़कंप मच गया, कई दुकानदार दुकानें बंद करके भाग खड़े हुए। श्रम विभाग की टीम ने इस दौरान दो बच्चों को रेस्टोरेंट में बर्तन धोते हुए पाया और उन्हें मुक्त कराया। अधिकारियों ने रेस्टोरेंट संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
छापेमारी की मुख्य बातें
- श्रम विभाग की टीम ने झांसी महोत्सव में बाल श्रम की सूचना पर छापेमारी की।
- छापेमारी के दौरान दो बच्चों को एक रेस्टोरेंट में बर्तन धोते हुए पाया गया।
- बच्चों को मुक्त कराकर रेस्टोरेंट संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
- कई दुकानदार छापेमारी की भनक लगते ही दुकानें बंद करके भाग गए।
- कुछ दुकानदारों ने बच्चों को अपना पारिवारिक सदस्य बताकर बचाने की कोशिश की, लेकिन दस्तावेज पेश न कर पाने पर उनकी कोशिश नाकाम रही।
- जिस रेस्टोरेंट पर रविवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने छापेमारी की थी, वहां फिर से श्रम विभाग की छापेमारी में बाल श्रम का मामला सामने आया।
- महोत्सव में नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकान, रेस्टोरेंट और झूला संचालकों पर लगातार कार्रवाई जारी है।
कार्रवाई का विवरण
श्रम विभाग की टीम दोपहर के समय महोत्सव पहुंची, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। टीम को आता देख कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। एक रेस्टोरेंट में 15 साल का बच्चा बर्तन धोते हुए पाया गया। टीम ने बच्चे को मुक्त कराकर संचालक पर कार्रवाई की। कुछ दुकानदारों ने बच्चों को अपना पारिवारिक सदस्य बताकर बचाने का प्रयास किया, लेकिन जब उनसे रिश्तों के प्रमाण मांगे गए तो वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। जिसके बाद टीम ने बच्चों को मुक्त कराया।
बाल श्रम के खिलाफ कानूनी प्रावधान
भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम कराना कानूनन अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 1860, बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम 1976, बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986, किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। 14 वर्ष से कम आयु या 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय में लगाने पर एक से छह महीने तक की जेल और 20 से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।