Jhansi News: झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। पारीछा कॉलोनी में रहने वाली 19 साल की बीए सेकेंड ईयर की छात्रा आस्था ने सिर्फ इस वजह से आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे मोबाइल नहीं दिया गया। घटना के वक्त छात्रा के माता-पिता घर पर नहीं थे।
माता-पिता गांव गए थे, बेटी घर में अकेली थी
आस्था के माता-पिता धर्मेंद्र पारासर और उनकी पत्नी मंगला, जो मध्य प्रदेश के नौगांव में सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं, मकरसंक्रांति के दिन अपने बेटे के साथ गांव गए हुए थे। घर पर अकेली आस्था ने इसी बीच यह खौफनाक कदम उठा लिया।
शाम करीब 7 बजे जब माता-पिता गांव से लौटे, तो घर का दरवाजा खुला मिला। अंदर का मंजर देखकर उनके होश उड़ गए। कमरे में आस्था पंखे से दुपट्टे का फंदा बनाकर लटकी हुई थी। माता-पिता की चीखें गूंज उठीं। उन्होंने तुरंत बेटी को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मोबाइल न मिलने पर किया सुसाइड
पुलिस के मुताबिक, आस्था पिछले कुछ दिनों से अपने माता-पिता से नया मोबाइल फोन मांग रही थी। परिवार ने उसे कुछ समय बाद मोबाइल देने का वादा किया था, लेकिन आस्था नाराज थी और परिजनों से बात करना भी बंद कर दिया था।
बड़ागांव थाना प्रभारी प्रकाश सिंह ने बताया, “प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मोबाइल न मिलने की वजह से आस्था ने आत्महत्या की। शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।”
घटना ने खड़े किए कई सवाल
इस हृदयविदारक घटना ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या युवाओं में सहनशीलता की कमी बढ़ रही है? क्या माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी ऐसे हादसों की वजह बन रही है?
इलाके में शोक की लहर
आस्था की मौत से पूरा इलाका स्तब्ध है। परिजन सदमे में हैं और लगातार अपनी बेटी के खोने का दुख बयां कर रहे हैं। आस-पड़ोस के लोग इस घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं और हर कोई इस त्रासदी को लेकर दुखी है।
समाज को सीख लेने की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि माता-पिता को अपने बच्चों की भावनाओं को समझने और उनके साथ संवाद बढ़ाने की जरूरत है। वहीं, युवाओं को भी अपनी इच्छाओं को लेकर धैर्य और समझदारी दिखानी चाहिए।